हिंदी विभाग का सुखद इतिहास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाजपुर की स्थापना से सम्बद्ध है। यह महाविद्यालय वर्ष 1996 में राजकीय महाविद्यालय के रूप में स्थापित हुआ और इसी के साथ हिंदी विभाग भी अस्तित्व में आया। अपने स्थापना काल से ही हिंदी विभाग, हिंदी भाषा-साहित्य और उच्च शिक्षा के संवर्द्धन का उत्कष्ट केंद्र रहा है। इसकी समृद्धि में विभागीय प्राध्यापकों ने सदैव योगदान दिया। सत्र 2014-15 से विभाग में स्नातकोत्तर कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ हुआ। प्रतिवर्ष विभागीय परिषद् का गठन कर प्राध्यापकों और विभागीय परिषद की छत्रछाया में विभिन्न विषयों पर पोस्टर, निबंध, वाद-विवाद और भाषण आदि प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। विभाग अपने विद्यार्थियों को शोध, नवाचार और रचनात्मक विकास के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध कराने हेतु सदैव प्रतिबद्ध है, अतः विभाग समय-समय पर बाह्य विशेषज्ञ , कवि-लेखकों और विद्वानों की सहायता से व्याख्यान, परिचर्चा और संवाद जैसे आयोजन भी अपने विद्यार्थियों को उपलब्ध कराता है। उच्चस्तरीय शोध एवं रचनात्मक विकास के लिए विभाग में सभी आतंरिक अनुशासनों के कुशल विशेषज्ञ प्राध्यापक हैं जिनमें प्रयोगवादी कविता के क्षेत्र में डॉ. संध्या चौरसिया; कविता, लघुकथा और आलोचना के क्षेत्र में डॉ. खेमकरण ‘सोमन’ और कथा एवं नाटक साहित्य के क्षेत्र में डॉ. संगीता विशेष योग्यता रखती हैं। विभागीय सदस्यों के अकादमिक वृत्त में इनका विस्तृत विवरण दिया गया है।
S.No | Name of Faculty | Designation | Photograph |
1 | Dr. Sandhya Chaurasia (view resume) | Assistant Professor (In charge) | |
2 | Dr. Khemkaran (view resume) | Assistant Professor | |
3 | Dr. Sangeeta (view resume) | Assistant Professor | |